Reliance Capital: दूसरे दौर की बोली पर वोटिंग शुरू, NCLT में टोरेंट की तुरंत सुनवाई की अर्जी खारिज
टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स की तुरंत सुनवाई की आज NCLT में अर्जी खारिज हो गई. जिसके बाद लेंडर्स ने आज दूसरे दौर की बोली के प्रस्ताव पर वोटिंग शुरू की जो कल तक जारी रहेगी.
टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स की तुरंत सुनवाई की आज NCLT में अर्जी खारिज हो गई. जिसके बाद लेंडर्स ने आज दूसरे दौर की बोली के प्रस्ताव पर वोटिंग शुरू की जो कल तक जारी रहेगी. सूत्रों के मुताबिक अधिकतर लेंडर्स दूसरे दौर की बोली के पक्ष में अब तक वोटिंग कर चुके हैं. प्रस्ताव को पास करने के लिए कम से कम 51% वोटिंग पक्ष में होना जरूरी है. इससे पहले आज टोरेंट इनवेस्टमेंट्स ने मुंबई NCLT में रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के एडमिनिस्ट्रेटर के खिलाफ अर्जी लगाई थी. अर्जी में तुरंत सुनवाई की मांग करते हुए दूसरे दौर की लेंडर्स (लेनदारों) की वोटिंग के प्रस्ताव पर स्टे की मांग थी लेकिन मुंबई NCLT ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर 12 जनवरी की तारीख तय की है.
क्या है पूरा मामला?
पूरा मामला ये था कि Reliance Capital के लिए पहले टोरेंट ने 8640 करोड़ रुपये की एकमुश्त नकद अदा करने की बोली दी थी. लेकिन बाद में हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) की कंपनी IIHL ने कुल 8800 करोड़ रुपये एकमुश्त नकद और कुल मिलाकर 9,500 करोड़ रुपये की बोली दी. टोरेंट की मंशा ये है कि लेंडर्स उसकी ही बोली को मंजूर करें और IIHL की बोली को दरकिनार कर दें. लेकिन लेंडर्स चाहते हैं कि बोलियों में रकम बढ़े ताकि उनका बकाया ज्यादा से ज्यादा वसूला जा सके. इसी वजह से लेंडर्स ने 9,500 करोड़ रुपये का रिजर्व प्राइस तय किया है.
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कम से कम 10,000 करोड़ रुपये की लगानी होगी बोली
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अब सभी को कम से कम 9,500 करोड़ रुपये के ऊपर ही बोली शुरू करनी होगी. उसमें भी बोली की रकम कम से कम 500 करोड़ रुपये से बढ़ानी होगी. मतलब दूसरे दौर की पहली बोली ही कम से कम 10,000 करोड़ रुपये की लगानी होगी. उसके बाद के दौर की बोलियां कम से कम 250 करोड़ रुपये से बढ़ानी होगी. दूसरे दौर की बोली में कॉस्मिया पिरामल और ओकट्री को भी बोली लगाने का मौका मिलेगा.
दरअसल बताया जा रहा है कि रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) की लिक्विडेशन वैल्यू ही करीब 13,000 करोड़ रुपये आंकी गई है. इस लिहाज से बोलियों में आने वाली रकम काफी कम है. एलआईसी (LIC) और ईपीएफओ (EPFO) की वोटिंग इसमें काफी मायने रखती है क्योंकि इन दोनों की ही वोटिंग में 35% हिस्सेदारी है. रिलायंस कैपिटल के लिए रिजोल्यूशन प्लान की मियाद 31 जनवरी है.
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08:35 PM IST